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राशिचक्र की 12 राशियों के अलग-अलग रत्न होते हैं। इसके अलावा कुंडली में राशि के स्वामी की स्थिति के आधार पर ही रत्न पहनने की सलाह दी जाती है। रत्न पहनने का तभी फायदा होता है जब इनका स्पर्श पहनने वाले के शरीर से हो। ग्रहों के अनुसार भी रत्नों केा बांटा गया है जैसे, माणिक्य सूर्य का रत्न है, चन्द्र का रत्न मोती, बुध का रत्न पन्ना, गुरु का रत्न पुखराज, मंगल का रत्न मूँगा, शुक्र का रत्न हीरा, शनि का रत्न नीलम, राहु का रत्न गोमेद और केतु का रत्न लहसुनिया है।
कौन-सा रत्न करें धारण
रत्न पहनने की सलाह कुंडली का आंकलन कर के दी जाती है। आमतौर पर व्यक्ति की समस्या के आधार पर रत्न पहनाया जाता है। जैसे यदि किसी को नौकरी या करियर में सफलता नहीं मिल रही है तो उसे सूर्य का रत्न माणिक्य धारण करने की सलाह दी जाती है। वहीं अगर किसी के विवाह में देरी या अड़चनें आ रहीं हैं तो उस व्यक्ति को गुरु का रत्न पुखराज धारण करना चाहिए।
कैसे करें धारण
रत्न को उससे संबंधित ग्रह के शुभ वार पर पहनना चाहिए। किसी भी रत्न को उससे संबंधित ग्रह के मंत्रों से अभिमंत्रित करने के बाद उस पर गंगाजल छिड़कने के बाद ही धारण करना चाहिए। हर रत्न की धारण विधि अलग-अलग होती है। रत्न जडित अंगूठी या लॉकेट को एक कटोरी में कच्चे दूध में भिगोकर रख दें। अगले दिन किसी शुभ मुहूर्त में अपने ईष्ट देव के समक्ष उस अंगूठी या लॉकेट को स्वच्छ जल से साफ करें और उसे धारण कर लें।
Gemstone Suggestion
अगर आपको समझ नहीं आ रहा है कि आपकी कुंडली और समस्या के अनुसार आपको कौन-सा रत्न धारण करना चाहिए तो आप Astrovidhi.com सेGemstone Suggestion report ले सकते हैं। Gemstone Suggestion में आपकी कुंडली का आंकलन करने के बाद आपको आपकी समस्या के अनुसार रत्न धारण करने की सलाह दी जाएगी।
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