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रत्न हमारे जीवन में बहुत अहम भूमिका निभाते हैं। रत्नों को धारण करने से पहले कुंडली में बैठे ग्रहों की स्थिति, भाव और दशा का आंकलन करना बहुत जरूरी होता है। तो आइए आज हम आपको बताते हैं कि कौन-सा रत्न ग्रहों की कैसी स्थिति में पहनना शुभ रहता है।
पुखराज
पुखराज बृहस्पति का रत्न है। जब कुंडली में गुरु किसी शुभ भाव का स्वामी हो या मजबूत हो तो ऐसी स्थ्िाति में पुखराज रत्न धारण करने से उस भाव से संबंधित शुभ फल में वृद्धि होती है।
हीरा
शुक्र ग्रह का रत्न है हीरा। यदि शुक्र कुंडली में किसी शुभ भाव का अधिपति है तो हीरा धारण करने से शुक्र के शुभ प्रभाव में वृद्धि होती है।
नीलम
नीलम शनि का रत्न है। यदि इस रत्न को बिना ज्योतिषीय सलाह के पहन लिया जाए तो ये फायदे की जगह नुकसान पहुंचा सकता है। नीलम रत्न तभी पहना जाता है जब शनि कुंडली में किसी शुभ भाव में बैठा हो। अशुभ भाव में शनि के होने पर नीलम शुभ फल प्रदान नहीं करता।
गोमेद
गोमेद राहु का रत्न है। कुंडली में राहु के पहले, चौथे, पांचवें, नौंवे और दसवें भाव में हो तो गोमेद रत्न धारण करने की सलाह दी जाती है।
लहसुनिया
छाया ग्रह केतु का रत्न है लहसुनिया। अगर कुंडली में राहु किसी शुभस्थ भाव में हो तो लहसुनिया रत्न धारण करने से स्वास्थ्य में लाभ मिलता है। कुंडली में केतु के लग्न भाव, तीसरे, चौथे, पांचवे, नौंवे और ग्एयारहवें भाव में होने पर लहसुनिया रत्न पहनने की सलाह दी जाती है।
Gemstone Suggestion
अगर आपको समझ नहीं आ रहा है कि आपकी कुंडली और समस्या के अनुसार आपको कौन-सा रत्न धारण करना चाहिए तो आप Astrovidhi.comसे Gemstone Suggestion ले सकते हैं। Gemstone Suggestion में आपकी कुंडली का आंकलन करने के बाद आपको आपकी समस्या के अनुसार रत्न धारण करने की सलाह दी जाएगी।
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