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मूंगा, मंगल ग्रह का रत्न है जो मंगल के शुभ प्रभाव को बढ़ाने में मदद करता है। अंग्रेजी में मूंगा को कोरल भी कहते हैं। मूंगा का रैड कोरल सबसे ज्यादा प्रसिद्ध और लाभकारी माना जाता है। मोती की तरह मूंगा भी समुद्र में पाया जाता है।
स्वास्थ्यवर्द्धक लाभ
– मूंगा रत्न को पहनने से आलसी व्यक्ति का आलस दूर भागता है। इस रत्न के प्रभाव से जातक अपने हर काम को गंभीरता से लेने लगता है।
– महिलाओं के लिए मूंगा रत्न किसी वरदान से कम नहीं है। स्त्रियों में रक्त की कमी, मासिक धर्म और रक्तचाप जैसी परेशानियों को नियंत्रित करने में भी मूंगा अत्यंत लाभकारी होता है यानि कि ये रत्न महिलाओं के लिए काफी महत्वपूर्ण है।
ज्योतिषीय महत्व
– यदि किसी की कुंडली में मांगलिक दोष हो तो उसे मूंगा रत्नधारण करने से फायदा होता है। मूंगा रत्न मांगलिक दोष के दुष्प्रभाव को कम करता है।
– अगर आपकी कुंडली में मंगल नीच या अशुभ स्थान में विराजमान है तो आपको मूंगा रत्न पहनने से मंगल के अशुभ प्रभाव से रक्षा मिलती है।
– मूंगा रत्न पहनने से व्यक्ति के अंदर आत्मविश्वास आता है और वह अपने प्रतिद्वंदियों का डटकर सामना कर पाने में सफल होता है। अगर आप बहुत ज्यादा डरपोक हैं या अपनी बात कहने में हिचकिचाते हैं तो आपको मूंगा रत्न पहनना चाहिए।
कितने रत्ती का पहनना चाहिए मूंगा रत्न
मूंगे को सोने की अंगूठी में जड़वाकर मंगलवार के दिन धारण कर सकते हैं। यदि आर्थिक कारणों से सोने की अंगूठी खरीदना संभव न हो तो चांदी में थोड़ा सोना मिलाकर या तांबे की अंगूठी में इसे जड़वाकर धारण किया जा सकता है। मूंगे का कम से कम वजन 6 रत्ती होना चाहिए। इसे आप तर्जनी, मध्यमा या अनामिका अंगुली में धारण कर सकते हैं।
हमसे क्यों लें
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