Menu
blogid : 25497 postid : 1314241

जानिए कौन-सा रत्न देता है किस बीमारी से सुरक्षा….

Vedic Astrology & Remedies
Vedic Astrology & Remedies
  • 20 Posts
  • 1 Comment

gemstone

ज्‍योतिषशास्‍त्र में तो रत्‍नों का विशेष महत्‍व है ही साथ ही सेहत के लिए भी रत्‍न बहुत फायदेमंद होते हैं। हर रत्‍न का सेहत पर अलग प्रभाव पड़ता है। रोग के ईलाज के लिए दवाओं के अलावा रत्‍नों की सहायता भी ली जा सकती है। वहीं रोगों से बचाव के लिए भी रत्‍न अहम् भूमिका निभाते हैं। तो आइए जानते हैं कि कौन-सा रत्‍न किस प्रकार के रोग में फायदेमंद रहता है।

माणिक्‍य

सूर्य का रत्‍न माणिक्‍य लालं रंग का होता है। ह्रदय रोग और लो ब्‍लड प्रेशर के मरीज़ों को माणिक्‍य रत्‍न धारण करने से फायदा होता है। नेत्र संबंधी रोगों और आंखों की रोशनी बढ़ाने के लिए भी माणिक्‍य फायदेमंद है।

मोती

चंद्रमा का रत्‍न मोती मानसिक रोगों में बहुत फायदेमंद रहता है। जिन्‍हें बहुत ज्‍यादा तनाव रहता है उन्‍हें भी मोती रत्‍न धारण करना चाहिए। इसके अलावा निराशा, श्वास सम्बन्धी रोग, सर्दी-जुकाम के लिए मोती पहनना गुणकारी होता है।

मूंगा

मंगल का रत्‍न व्‍यक्‍ति को ऊर्जा और जोश से भर देता है। किडनी के रोगों में मूंगा रत्‍न फायदेमंद रहता है। रत्‍न चिकित्‍सा के अनुसार मूंगा रत्‍न पीलिया रोग में धारण करना लाभकारी रहता है। बच्चों को मूंगा पहनाने से बालारिष्ठ रोग से बचाव होता है।

पन्‍ना

बुध का रत्‍न पन्‍ना त्‍वचा संबंधित रोगों से बचाव करता है। इस रत्‍न को धारण करने से त्‍वचा में निखार आता है। इसके अलावा पन्‍ना रत्‍न पहनने से दमा, खांसी, मिचली, अनिद्रा तथा टांसिल होने की संभावना भी कम रहती है। लीवर और किडनी को स्‍वस्‍थ रखने के लिए पन्‍ना रत्‍न पहनना चाहिए।

पुखराज

गुरु का रत्‍न पुखराज मोटापे को नियंत्रित रखने की शक्‍ति रखता है। वहीं जो लोग बहुत दुबले हैं उनकी सेहत में भी सुधार लाता है। पुखराज धारण करने से ब्‍लडप्रेशर सामान्‍य रहता है और अल्‍सर और सन्निपात जैसे रोगों से सुरक्षा मिलती है।

हीरा

शुक्र का रत्‍न हीरा शरीर में रक्‍त की कमी की शिकायत को दूर करता है। मोतियाबिंद और नपुंसकता जैसे रोगों से बचने के लिए भी हीरा रत्‍न धारण करना चाहिए। इसके अलावा हीरा पहनने से एनीमिया, हिस्टीरिया तथा क्षय रोग से बचाव होता है।

नीलम

शनि का रत्‍न नीलम हड्डियों को मजबूत बनाता है। यह रत्‍न मिर्गी, ज्वर, गठिया, एवं बवासीर के रोग में भी फायदा पहुंचाता है।

गोमेद

राहु का रत्‍न गोमेद पेट और पाचन संबंधी रोगों से छुटकारा दिलाता है। गोमेद रत्‍न बौद्धिक क्षमता को बढ़ाता है। सर्दी, कफ तथा पित्त के रोग से भी बचने के लिए गोमेद रत्‍न धारण करना चाहिए।

लहसुनिया

केतु का रत्‍न्‍ लहसुनिया सर्दी और खांसी से छुटकारा दिलाता है। नपुंसकता में भी लहसुनिया रत्‍न धारण करना चाहिए। एनीमिया की शिकायत भी लहसुनिया पहनने से दूर होती है।

आप इन रत्नों को Astrovidhi.com से भी खरीद सकते है। अभी order करने के लिए क्लिक करें।

Tags:                              

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh