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राहु का रत्न गोमेद दिखने में काफी सुंदर और आकर्षक होता है। गोमेद रत्न को नवरत्नों में विशेष स्थान दिया गया है। यह रत्न कुंडली में अशुभ स्थान में बैठे राहु के प्रकोप को शांत करता है। इस रत्न के प्रभाव से मनुष्य के जीवन से नकारात्मक ऊर्जाएं नष्ट हो जाती हैं। राहु रत्न को धारण करने से आय के नए स्रोत खुलते हैं और मानसिक दिक्कतों से भी छुटकारा मिलता है।
गोमेद रत्न के लाभ
– कुंडली में कालसर्प दोष राहु के कारण उत्पन्न होता है। अत: गोमेद रत्न धारण करने से कालसर्प के दोष दूर होते हैं।
– काले जादू को भी निष्फल करने की क्षमता रखता है गोमेद रत्न।
– राहु ग्रह मानसिक तनाव और क्रोध देता है। राहु के प्रभाव में व्यक्ति के निर्णय लेने की क्षमता क्षीण हो जाती है। राहु के ऐसे ही दुष्प्रभावों को दूर करता है गोमेद रत्न।
– गोमेद रत्न के लाभ स्वास्थ्य को भी मिलते हैं। राहु ग्रह के प्रभाव में हैजा और पेचिश जैसे रोगों से जूझना पड़ता है। अगर आपको बार-बार ऐसी बीमारी घेरती है तो आपको गोमेद रत्न धारण करना चाहिए।
कैसे करें धारण
गोमेद (Gomed) को शनिवार को चांदी या अष्टधातु में जड़वाकर शाम के समय विधिनुसार उसकी उपासना के बाद बीच की अंगुली में धारण करना चाहिए। गोमेद (Gomed) का वजन 6 रत्ती से कम नहीं होना चाहिए। इसे पहनने से पहले ‘ऊं रां राहवे नम:’ का मंत्र 180 बार जप करके गोमेद (Gomed) को जागृत करके पहनना चाहिए।
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